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Tuesday, October 6, 2009

जल्दी कुछ करो

यह कहानी मेरे पहले सेक्स की है जब मैं ग्यारहवीं कक्षा में थी! मेरे स्कूल में को-एजुकेशन थी यानि की लड़के और लड़कियां साथ में पढ़ते थे ! घर से स्कूल लगभग दो किलोमीटर दूर था, कभी पापा स्कूल छोड़ आया करते थे कभी मैं खुद पैदल में चली जाया करती थी !

ओह्ह्ह्ह सॉरी आप बोर हो रहे होंगे, सो मुद्दे पे आती हूँ !

एक दिन मैं साइकिल से स्कूल जा रही थी। उस दिन सुबह से हल्की हल्की बारिश हो रही थी। एक मन था कि स्कूल न जाऊँ पर फिर भी मैं चली गई ! रास्ते मैं कीचड़ था। तभी एक रिक्शे वाले ने जानबूझकर मेरी साइकिल में साइड मार दी, जिससे मैं नीचे गिर पड़ी और मेरे सारे कपड़े कीचड़ से गंदे हो गए ! तभी विकास ने उस रिक्शे वाले को भाग कर पकड़ लिया !

विकास मेरी क्लास में था और मेरी अच्छी दोस्ती थी उससे ! पर मैंने उस तरफ ध्यान नहीं दिया क्योंकि मेरे सारे कपड़े गंदे हो चुके थे और कोहनी भी थोड़ी छिल गई थी। मेरी आँखों से आंसू टपक पड़े ! मुझे अपने आप पर बड़ी कोफ़्त हुई कि इससे तो स्कूल ना में आती तो अच्छा होता !

तब तक विकास रिक्शे वाले को मरता हुआ मेरे पास ले आया। वो लगातार उस रिक्शे वाले को मार रहा था और गन्दी गन्दी गालियां दे रहा था ! विकास का घर सामने वाली गली में में था इसलिए वो और रोब झाड़ रहा था !

विकास ने रिक्शे वाले के कॉलर को झटका दिया और बोला- भोसड़ी के ! तुझे इतनी बड़ी साइकिल नहीं दिखी, साले गांडू !!!!!

रिक्शा वाला हाथ जोड़ कर बोला- भाईसाब ! गलती हो गई माफ़ कर दो !

तब तक काफी भीड़ इकठ्ठा हो चुकी थी।

विकास बोला- साले, मुझसे क्या माफ़ी मांगता है मादरचोद … इन से माफ़ी मांग … विकास का इशारा मेरी तरफ था … !

मुझे गुस्सा तो बहुत आ रही थी पर भीड़ के सामने अच्छा भी नहीं लग रहा था !

तब मैंने विकास को बोला कि रिक्शे वाले को जाने दे !

पर विकास ने दो और थप्पड़ जड़कर ही रिक्शे वाले को जाने दिया !

और विकास मेरे पास आकर बोला- अरे रश्मि, तुम्हारे तो सारे कपड़े गंदे हो गए ! अब स्कूल कैसे जाओगी ???????

"नहीं ! अब स्कूल नहीं जाउंगी, वापस घर जाऊँगी !"मैंने जबाब दिया!

इन कपड़ो में वापस घर ? नहीं नहीं ! चलो, मेरे घर चलो वहां आराम से कपडे साफ़ कर लेना ! विकास ने मेरी साइकिल को उठाते हुए कहा !

मैंने कुछ सोच कर कहा- चलो, यही ठीक रहेगा ! पर तुम भी तो स्कूल के लिए लेट हो जाओगे ??????

अरे ! आज स्कूल में क्या घंटा करेंगे जाकर ? बारिश में तो मैडम भी नहीं आती पढ़ाने ! वो हँसता हुआ बोला !

और मेरे साथ चल पड़ा मेरी साइकिल लेकर पैदल पैदल !

उसका घर सामने ही था ! अपने घर के सामने साइकिल स्टैंड पर लगा कर विकास घर का ताला खोलने लगा !

विकास, क्या घर पर कोई नहीं है तुम्हारे? मैंने पूछा!

विकास- नहीं !

क्यों ? अंकल आंटी कहाँ गए हैं? मैंने फिर सवाल किया !

विकास- अरे मम्मी, पापा तो ऑफिस चले जाते हैं ना ! और नेहा दीदी अपने कॉलेज गई हैं !

ओके ! मैं हल्के से सब बात समझने के अंदाज़ में बोली !

विकास की मम्मी, पापा सरकारी बैंक के कर्मचारी थे ! और नेहा उसकी बड़ी बहन थी जो कॉलेज में थी ! उस समय घर में मेरे और विकास के अलावा कोई नहीं था ! मुझे इसमें कोई परेशानी नहीं थी क्योंकि विकास मेरा अच्छा दोस्त था और मेरी में उम्र का था।

विकास सीधे बाथरूम में गया और नल खोल के देखा, नल में पानी नहीं था !

"ओह शिट् ! आज भी पानी नहीं आ रहा -विकास झुंझलाते हुए बोला- रश्मि एक काम करो, मैं हैण्ड पम्प चलाता हूँ और तुम हैण्ड पम्प के नीचे बैठ कर नहा लो !

मेरा मूड और ख़राब हो गया, पर मरती क्या ना करती ! अनमने भाव से बोली- ठीक है ! चलो चलाओ हैण्ड पम्प !

और मैं हैण्ड पम्प के नीचे बैठ कर नहाने लगी, मैं सूट सलवार में थी और ऐसे ही नीचे बैठ कर नहाने लगी !

विकास नल चला रहा था अब मैं मसल मसल कर कीचड़ साफ़ कर रही थी। विकास लगातार मुझे घूर रहा था, उसकी आँखों में एक चमक आ गई थी और मैं जानती थी कि वो क्या सोच रहा है ! उसकी पैन्ट की चैन वाला भाग बढ़ता जा रहा था और मुझे यह देख कर अच्छा लग रहा था ! मैं हलके हलके मुस्कुरा रही थी !

रश्मि ! अरे कमीज़ उतार कर आराम से साफ़ कर लो यार ! कीचड़ अन्दर तक लगा है ! -अचानक वो बोला!

तुम पागल हो क्या ? भला तुम्हारे सामने नंगी होकर नहाउंगी क्या?- मैं शरमाते हुए बोली!

अरे तो क्या हुआ? मैं आँखे बंद कर लूँगा - वो हंसते हुए बोला!

मेरे मन में शरारत समां चुकी थी। आखिर मैं जवानी में कदम रख रही थी, दिल का कीड़ा कुलबुलाने लगा और मन में मन मैं विकास को पसंद भी करती थी। पर आज तक प्यार-व्यार वाली कोई बात नहीं थी ! मैंने कुछ करने की मन में मन में ठान ली और कुछ देर सोच कर बोली- अच्छा ठीक है ! पर वादा करो कि आँखे बंद रखोगे !

ठीक है मेरी माँ ! अब ज्यादा नाटक ना करो !

दिक्कत तुम्हें है, मुझे नहीं ! -विकास किलसता हुआ बोला!

ओके … चलो आँखे बंद करो ! मैं अपना शर्ट उतारते हुए बोली और अच्छे से नहाने लगी !

मुझे शर्म आ रही थी पर अब मैं कुछ और मूड में थी ! विकास मुझे देखकर आश्चर्य चकित हो रहा था ! उसकी आँखे बंद होने की बजाये और अधिक चौड़ी हो गई थी ! वो लगातार नल चला रहा था ! वैसे इस सबका एक और तरीका यह भी था कि मैं बाल्टी भर कर बाथरूम में भी नहा सकती थी, पर मैं कुछ और सोचे बैठी थी!

अचानक विकास मेरे पास आ गया, नल चलाना उसने छोड़ दिया और मेरा बायाँ हाथ पकड़ कर मुझे ऊपर उठा लिया और मुझे अपनी बाँहों में लपेटने लगा !

यह क्या बदतमीजी है विकास ! तुम पागल तो नहीं हो गए हो ! - मैं बनाबटी गुस्सा दिखाते हुए उसकी गिरफ्त से छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी !

रश्मि ! आई लव यू … आज मुझे अपने से अलग न करो प्लीज ! रश्मि तुम इतनी सुन्दर हो कि मैं तुम्हें प्यार करना चाहता हूँ ! आज मुझे मना मत करना -वो गिड़गिड़ाता सा बोला और मुझे बेतहाशा चूमने लगा !

मैं भी गरम होने लगी थी ! पर अभी एकदम हथियार डाल देना सही नहीं था !

विकास ये ठीक नहीं है,,,,,,,,,दूर हटो मुझसे मैं अंकल आंटी से कह दूंगी ! मैंने थोड़ी और स्यानपती दिखाई !

रश्मि ! प्लीज, पापा से मत कहना ! मैं कुछ नहीं करूँगा ! बस एक किस ही करूँगा ! वो बोला!

ठीक है ! पर किस से ज्यादा कुछ नहीं ! नहीं तो मैं अंकल को बोल दूंगी! मैंने हथियार डालते हुए कहा !

उसे तो मुँह मांगी मुराद मिल गई ! उसने मेरे होंठों को अपने होंठों मैं कैद कर लिया और मज़े से चूसने लगा! मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। मैं भी उसका पूरा साथ देने लगी! उसने मुझे बुरी तरह से बाँहों मैं जकड़ा हुआ था और फिर उसने अपना दायां हाथ मेरे दाहिने स्तन पे रख दिया। मेरी आँखें फटी की फटी रह गई, शरीर में एक झुरझुरी सी दौड़ गई !

मैं उससे मना करना चाहती थी पर उसने मेरे होंठ अपने होंठों से जोड़ रखे थे ! विकास का दूसरा हाथ मेरे हिप पर पहुँच गया और उसने कसके मुझे ऊपर उठा लिया और फिर दाहिना हाथ मेरे स्तन से हटाकर मेरी कमर में डालकर मुझे पूरी तरह से अपनी गोद में उठा लिया! मैंने भी अपनी बाहें उसके गले मैं डाल दी ! इस सब के दौरान हमारे होंठ एक सेकंड को भी जुदा नहीं हुए !

वो मुझे उठाकर अपने बेडरूम में ले आया और बिस्तर पे पटक दिया। मैंने सलवार नहीं उतारी थी जो कि पूरी तरह से गीली थी। बिस्तर भी गीला होने लगा। मैंने उठने की कोशिश की लेकिन विकास ने उठने नहीं दिया और मुझे अपनी बाहों में लिपटाकर मेरे होंठों का रसपान करता रहा। फिर धीरे से मेरी सलवार का नाड़ा खोलने लगा ! मैंने विकास के हाथ पकड़ लिया पर वो नाड़ा खोल कर ही माना और सलवार को भी जबरदस्ती
उतार दिया !

अब मैं केवल ब्रा और पैंटी मैं थी, मेरी आँखों से आंसू छलक आये !

"अरे यार रोना मत !" वो ये देख कर बोला !

और उसने मुझे छोड़ दिया ! मैं तकिये मैं मुँह देकर रोने लगी वो थोड़ी देर खड़ा होकर सोचने लगा। फिर पता नहीं कहाँ से एक तौलिया लेकर मेरे पास आया और बोला- रश्मि ! आय ऍम वैरी वैरी सौरी ! प्लीज, मुझे माफ़ कर दो और यह लो तौलिया और अपना बदन साफ़ कर लो !

मैं लगातार रोये जा रही थी और उसकी तरफ भी नहीं देखा मैंने मुड़कर ! तभी वो मेरी कमर को तौलिया से पोंछने लगा और टांगो को साफ़ करने लगा मैं करवट लेकर लेटी थी और मेरा चेहरा तकिये में धंसा हुआ था। उसका धीरे से मेरा बदन पर स्पर्श अच्छा लग रहा था

फिर मैं उठकर बैठ गई और उसकी आँखों में ना जाने ढूँढने लगी ! वो बड़ा प्यारा लग रहा थ मुझे !

फिर मैंने झट से उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर होंठ से होंठ भिड़ा दिए ! अब उसने भी मुझे भींच लिया और मेरे होंठों को पीने लगा ! अब मेरे हाथ उसकी शर्ट के बटनों से खेल रहे थे सारे बटन खुलते ही उसने अपनी शर्ट निकाल फेंकी और अपने हाथ पीछे ले जाकर मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया और ब्रा को मेरे स्तन से अलग कर दिया ! मेरे दूधिया उरोज हिलते हुए अलग हो गए !

विकास एक तक देखता ही रह गया और बोला- रश्मि ! तू क्या माल है यार ! अब तक कैसे बच गई मेरे हाथ से !

मेरी हंसी छुट गई ! और फिर उसने मेरे टेनिस बॉल के आकार के स्तनों को हाथों में ले लिया। फिर दाहिने स्तन के निप्पल को अपने मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया !

मैं मस्ती से सराबोर हो उठी और उसका सर अपने हाथों से अपनी छाती पर दबाने लगी! तभी उसने मेरे दूसरे निप्पल को अपनी उंगलियों से मसल दिया!

आईईइ… … क्या कर रहा है … दर्द हो रहा है ! मैं चिल्ला उठी !

वो और जोश में आक़र मेरे स्तन को चूसने लगा! मेरी हालत ख़राब होने लगी, मैं अपने हाथ से अपनी बुर रगड़ने लगी ! फिर हाथ ऊपर लाकर उसकी पैन्ट को खोलने लगी। वो बदस्तूर स्तनपान करे जा रहा था जैसे कितने जन्मों का प्यासा हो !

पैन्ट की जिप खुलते ही उसने अपनी पैन्ट जल्दी जल्दी उतार दी पर इस काम के बीच उसके होंठ और एक हाथ मेरे बूब्स पे लगे रहे !

अब उसने मेरी पेंटी भी उतार फेंकी ! मेरा हाथ जैसे ही उसके अण्डरवियर से छुआ, मुझे करंट लगा। उसने मौके की नजाकत को समझते हुए अपना अंडरवियर भी उतार फेंका और मेरा हाथ ले जाकर अपने लिंग पे रख दिया ! पहले तो मैंने शरमा कर अपना हाथ छिटक दिया ! पर उसने दोबारा मेरा हाथ अपने लिंग पर रख दिया और इस बार उसने अपना हाथ भी मेरे हाथ से लगाये रखकर मुठ्ठी भीच दी !

अब विकास का लिंग मेरी मुठ्ठी में था! मुझे लिंग का स्पर्श अच्छा लगा ! एकदम लकडी की तरह कड़ा हो चुका था उसका लिंग ! मैंने अंदाजा लगाया कि उसका लिंग करीब ५.५'' से ६'' के लगभग था और २'' मोटा रहा होगा !

मैं उसका लिंग सहलाने लगी ! तभी विकास ने अप्रत्याशित हरकत कर दी, उसने अपनी ऊँगली से मेरी बुर को छेड़ दिया मैं चिहुंक उठी- आअह्ह्ह्ह्हऽऽ विकास आराम से !

पर वो कहाँ मानने वाला था, उसने फिर अपनी एक ऊँगली मेरी बुर में घुसा दी ! मैं उछल के उससे लिपट गई उसने फिर मुझे सीधा लिटा दिया और मेरी टांगें चौड़ी करने लगा ! मैंने अपनी बुर को अपने हाथों से ढक लिया, आँखे बंद कर ली और टांगों को आपस में भींचने की कोशिश करने लगी ! विकास ने मेरे हाथ को हटा कर एक चुम्बन मेरी बुर पे ले लिया!

सीईईईईईईईईईईईइऽऽऽ मेरी सीत्कार छुट गई, अपने आप को संभाला मुश्किल हो गया ! दांतों से निचला होंठ काटने लगी और दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर तकिये को मसलने लगी, मेरा शरीर कांप रहा था !

विकास अपनी जीभ से मेरी बुर चाट रहा था !

जब मैं मज़े के चरम पे पहुंची तो मैंने विकास को अपने ऊपर खींच लिया- जल्दी कुछ करो विकास ! मेरी चूत में कुछ कुछ हो रहा है ! आह्ह्हऽऽऽ ! मैं मर जाऊँगी ! प्लीज जल्दी कुछ करो !!!!! मैं पता नहीं क्या क्या बोले जा रही थी, मुझे नहीं पता !

मेरी जान, आज कसम से मज़ा आ जायेगा तुझे ! विकास बोला !

और उसने अपने लंड पे थूक लगाया और मेरी चूत तो पहले ही गीली हो चुकी थी ! चूत के मुहाने पे टिका कर एक हल्का सा धक्का मारा ! लंड का अग्र भाग चूत में धंस गया।

मैं चिल्ला पड़ी- आईईईईईईईईईई मम्मी ! मैं मरी ! तू पागल है विकास ! तू कुत्ता है ! तू कमीना है ! मेरी आँख से आंसू निकल पड़े !

मेरा पहला सेक्स था, इसलिए ज्यादा दर्द हो रहा था और शायद विकास का भी पहला ही था !!

शायद ! इसलिए क्यूंकि उसको देखकर लग नहीं रहा था कि वो पहली बार कर रहा है ! पर चूँकि उसने बताया था कि मैं ही उसके जीवन मैं पहली लड़की थी जिसके साथ यह सब कर रहा है!

उसने अपना लंड कुछ देर थामे रखा और मेरे उरोज सहलाता रहा। मुझे कुछ शांति मिली। मैंने नीचे से कूल्हे उचकाना शुरू किया तो उसने मेरी कमर को पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा !

हईईईईए राम मुम्म्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य्य मैं मरी ! आआआआअह्ह्ह विकास ! पागल है क्या तू ! इतना ही चीख पाई कि उसने अपने होंठों को मेरे होंठों पर कस दिया !

उसका आधा से ज्यादा लंड चूत में घुस चुका था ! मेरी जान निकली जा रही थी और आँखों से आंसू लगातार बह रहे थे, साँस लेने में भी दिक्कत हो रही थी ! कुल मिलाकर यह लग रहा था कि आज मैं मरने वाली हूँ !

मैंने जबदस्ती उसके होंठों से अपने होंठ छुड़ाये ! फिर थोड़ी देर साँस लेकर रोने लगी !

मुझे रोता देख विकास डर गया पर उसने अपना लंड बाहर नहीं निकाला- रश्मि कुछ नहीं होगा ! पहली बार ऐसा ही होता है ! अभी सब ठीक हो जायेगा !

हाई मम्मी ! आईईई रीईई रामा ! आआआअह्ह्ह्ह्ह ! विकास, आई हेट यू ! यू आर फूल ! कुत्ता ! हाई ! तू कमीना ! हाई ! तू ! फिर पता नहीं क्या क्या कहा मैंने उसे !

विकास मेरे उरोज सहलाता, फिर कभी हिप को सहलाता, १० मिनट तक ऐसे ही पड़े पड़े मैंने उसे बहुत गालियाँ दी फिर भी वो बेचारा चुपचाप मुझे प्यार से सहलाता रहा !

फिर धीरे धीरे उसने अपना लंड हिलाना शुरू किया, जब मुझे मज़ा आना शुरू हुआ तो उसका वर्णन करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है!

ऊऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह् ! येस्स्स्स्स विकास आई लव यू ! परिस्थिति बदल चुकी थी !

विकास मुस्कुरा रहा था- आई लव यू ठु डार्लिंग ! तू कमाल है रश्मि ! आआअह्ह्ह ! वाकई तू कमाल है !

धक्के पे धक्के, रेलमपेल हो रही थी ! गपागप तथा फचाफच की मधुर आवाज़ निकल रही थी !

फिर विकास ढीला पड़ता गया, मैंने नीचे से अपनी गांड उछालनी शुरू कर दी, उसी वक़्त मेरा भी स्खलन हो गया! विकास लम्बी लम्बी साँस लेता हुआ मेरे उपर लेट गया। फिर अपनी आँखें बंद कर ली !

२०-२५ मिनट ऐसे ही पड़े रहे हम दोनों !

फिर विकास को एक तरफ कर मैंने उठने की कोशिश की पर उठा नहीं गया।

मेरी नज़र बेड शीट पर पड़ी तो वो पूरी की पूरी खून से सनी हुई थी, मैं फिर लेट गई !

विकास ५ मिनट बाद उठा फिर बोला- रश्मि ! तुम लेटी रहो मैं कुछ करता हूँ !

फिर उसने मेरे कपड़े और वो बेड शीट खुद धोई और फिर किचन में जाकर मेगी बनाकर लाया !

भूख भी लगी थी !

उसके बाद मुझे नींद आने लगी पर विकास नहीं माना और उसने मुझे एक बार फिर चोदा !

शाम को तीन बजे हमें नेहा दीदी ने जगाया ! विकास दरवाजा बंद करना भूल गया था !

मैं नेहा दीदी की मेक्सी ही पहन कर सोई थी और विकास भी उसी बेड पे सोया था !

दीदी सब कुछ समझ गई थीं !

पर विकास ने उनको अलग ले जाकर पता नहीं क्या समझाया, वो मुस्कुरा कर बोली कि विकास मुझे मेरे घर छोड़ आये !!

अब मेरे कपड़े भी सूख चुके थे। मैंने अपने कपड़े पहने और विकास के साथ बाहर आ गई !

फिर उसे कहा कि मैं खुद चली जाऊँगी अब !

विकास ने मेरे माथे पे किस किया और बोला- रश्मि ! थेंक यू फॉर आल थिंग्स !

मैंने मुस्कुराकर उसको बाय कहा फिर अपने घर चल दी !

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